झिड़ी और बाबा तालाब देवस्थान को रंग–बिरंगी लाइटों व फूलों से सजाया गया है। इस वर्ष भी लेजर शो और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के जीवन के बारे में बताया जा सके।
उत्तर भारत के सबसे बड़े किसान मेलों में से एक झिड़ी मेले का आगाज रविवार से हो रहा है। मेले में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं। यातायात पुलिस के साथ चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी, बीएसएफ और अर्धसैनिक बलों के जवान तैनात किए गए हैं। जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों के साथ अन्य राज्यों से श्रद्धालु शनिवार को ही मेला स्थल पर पहुंचना शुरू हो गए थे। झिड़ी और बाबा तालाब देवस्थान को रंग-बिरंगी लाइटों व फूलों से सजाया गया है। इस वर्ष भी लेजर शो और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को बाबा जित्तो और बुआ कौड़ी के जीवन के बारे में बताया जा सके।
जम्मू शहर से 20 किलोमीटर दूर झिड़ी में मेला लगता है जो पूरे एक सप्ताह तक चलेगा। इसमें जम्मू, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल और अन्य प्रदेशों से श्रद्धालु पहुंचते हैं। झिड़ी का यह मेला किसान शहीद बाबा जित्तो की याद में हर वर्ष नवंबर में पूर्णिमा से दो दिन पूर्व शुरू हो जाता है और पूर्णिमा के 7-8 दिन बाद तक चलता है।.
विभिन्न बिरादरियों की मेल भी करवाई जाएंगी
मेले के सफल आयोजन के लिए सरकार की ओर से सुरक्षा और यात्रियों की सुविधा के लिए बड़े पैमाने पर प्रबंध किए गए हैं। झिड़ी मेले में अन्य राज्यों से आने वाले श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए भी जाते हैं। झिड़ी इलाके में बाबा जितो के कई श्रद्धालुओं ने पूर्वजों की याद में समाधियां व मंदिर बनवाएं हैं। इस क्षेत्र को बाबे दा झाड़ (बाबा तालाब) कहा जाता है। यहां लोग कई रस्में पूरी करने आते हैं। बड़ी संख्या में विभिन्न बिरादरियों की मेल भी करवाई जाएंगी। मेले को लेकर स्थानीय लोगों का उत्साह है।